Wednesday, February 3, 2010

आई वांट टू बिकम अ बाबा .....

बाबा सोवे ' या ' घर में, टांग पसारे ' वा ' घर में ! यह एक पुरानी पहेली है ! जो पुराने लोग पुराने बच्चो से पूछते थे ! बच्चे भी चक्कर में पड़ जाते थे की यह कैसे हो सकता है! क्या किसी आदमी की टांग इतनी लम्बी हो सकती है जो इस घर से उस घर तक फैली पसरी हो ! पर भाईसाहब आजकल के बाबा ऐसे हो गए है! इस युग को बाबाओ का युग कहा जाता है ऐसा नहीं है की बाबा इस देश के लिए कोई नयी बात है पुरातन काल में भी बाबा नाम की ज्योति जलती रही है कुछ सच्चे कुछ फर्जी पर बाबा की आंधी इस देश में बदस्तूर बहती रही है ! और बह रही है ......अब प्रशन यह उठता है की हमारे समाज में अचानक बाबा का उत्पादन कैसे बढ़ा? इसके लिए एक नज़र अपने समाज पर डालनी होगी ! जैसे जैसे आदमी के पास ज्यादा माल आता है वैसे वैसे ही उसका डर बढ़ता जाता है ! एक पुरानी कहावत है " नंग बड़ा परमेश्वर से " अर्थात जिसके पास कुछ भी नहीं उसका तो परमेश्वर भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता! और शायद इसलिए ही फकीर ज्यादा मस्त रहते है ! आजकल के बाबाओ को देखो कई बार तो लगता है की वे बाबा नहीं कोई फैक्ट्री है ! प्रवचन से लेकर दातुन , चन्दन , औषिधयां इत्यादि तक बेचते है ! मजे की बात कि अमिताभ, शाहरुख़ , प्रियंका जैसे ब्रांड एम्बेसेडर बने हुए है वैसे ही बाबा भी ब्रांड एम्बेसेडर बनते जा रहे है ! अभी कल कि ही बात है हमसे हमारे बुजुर्गों ने पुछा "बेटा सिर्फ लिखते ही रहोगे या कुछ निर्णय लिया है अपने भविष्य के बारे में तुमने कहा ' काम्पिटर ' कि पढाई करोगे तो हमने बिलकुल मना नहीं किया! " अब कैसे बताऊ उनको कि पहले तो 'कंप्यूटर' होता है ' काम्पिटर' नहीं! और दूसरा कि हम कंप्यूटर लिटरेट बाबा बनना चाहते है! जब ज्यादा चिलाम्चिल्ली बढ़ गयी तो हमने ताबड़ तोड़ कह दिया कि " आई वांट टू बिकम अ बाबा " इतना सुनते ही जो इक्का दुक्का अंग्रेजी जानते है उन्होंने ट्रांसलेट कर दिया हिंदी में! अब क्या था हमारी खैर .......सभी बुगुर्गों ने एक साथ कोरस में कहा " बेटा अभी तो तुम बाप भी नहीं बने, तुम्हरी शादी भी नहीं हुई पहले बाप बनो फिर बाबा बनोगे भला यह कैसी जिद्द हुई " तब मैंने समझाया मै वो बाबा, नाना नहीं बनना चाहता जो आप लोग है ! मै तो परम पूजनीय बाबा बनना चाहता हूँ ! हमारी बात कोई नहीं समझा सिवाय हमारी छोटी छोटी बहिन " पाली " के उसने हमसे कहा - " भाई ,आजकल इस फील्ड में जबरदस्त स्कोप है ! आप सब भी सुन ले कई बाबा योग के बाबा है , अपने घर का चिराग तो भोग का बाबा बनेगा ! यानी वह आदमी को योग के रास्ते नहीं वरन भोग के रास्ते सीधा बैकुंठ जाने का रास्ता बताएगा !" अब आप मुझे भविष्यवक्ता समझ ले या फिर कुछ और पर आने वाले वक़्त में इसी भारतवर्ष में ' बाबा बनाओ इंस्टिट्यूट ' खुलेंगे और माता पिता ख़ुशी ख़ुशी अपने बच्चो को बाबा बनायेगे और जब जब इस भारत में कोई उनसे पूछेगा कि क्या बनोगे? तो जवाब यह ही आएगा कि "आई वांट टू बिकम अ बाबा "
जय हिंद
विनय पाण्डेय

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