Tuesday, April 6, 2010

मैं अक्ल का कोल्हू हूँ ,घोंचू हूँ , उल्लू हूँ !

मैं अक्ल का कोल्हू हूँ ,घोंचू हूँ , उल्लू हूँ !
मेरे एक मित्र है श्रीमान खोपडकर ........क्या कहा ?
यह नाम कुछ समझ नहीं आया !
कमाल करते है आप लोग..........
क्या कहा ? कुछ अजीब सा लग रहा है !
अरे छोडिये साहब ... जहां आप लोग "नकुशा" जैसा नाम पचा सकते है तो इस नाम में क्या खराबी है ? अभी अगर मैं यहाँ तेंदुलकर , गावस्कर , पाटेकर , पालेकर इत्यादि कुछ लिख मारता तो आप लोग ही कहते कि चल झूठा .......कहाँ यह लोग और कहाँ तू ......... कलम घसीट ....

पर साहब अपना मानना है कि जिसके नाम के आगे "कर" लगा हो उससे फ़ौरन दोस्ती कर लेनी चाहिए क्योकि इतिहास गवाह है जिसके नाम में 'कर' जुड़ा है उसने इस जीवन में कुछ कर के ही दिखाया है !
और अपने साथ अपने से जुड़े लोगो का भी भला किया है !

जरा ध्यान देंगे तो हर नाम कुछ कहता है बहरहाल , नामो का विश्लेषण कभी और करेंगे !

तो जनाब मिस्टर खोपडकर मुझे हर बात के लिए , हर काम के लिए और हमेशा बस एक ही संज्ञा देते है और कहते है :-

" यार विनय तुम बड़े ही उल्लू चीज़ हो , एक दम घोंचू टाइप के लगते हो "

अब भला बताइए हम कहाँ से आपको उल्लू चीज़ लगते है ? कैसे हम घोंचू टाइप के हुए ?

एक दिन हमने उनसे पूछ ही लिया कि आप हमको उल्लू चीज़ और घोंचू टाइप कि संज्ञा क्यों देते हो ?

तो बोले :- यार....विनय, तुम जो ऐसी वैसी , उल जुलूल और मूर्खतापूर्ण क्रियाकलाप अथवा हरकते करते हो ऐसी हरकत करने वाले को हम घोंचू और उल्लू चीज़ ही कहते है !

तब हमको ख्याल आया कि वर्तमान राजनीति में भी तो मेरे जैसे लोगो कि कमी नहीं है तो इसका मतलब सारे नेता और नेती भी उल्लू चीज़ और घोंचू हुए !
खैर ......फिर से मन में प्रश्न उठा कि आखिर इस घोंचू शब्द कि उत्पत्ति कैसे हुई ?

तो हमने फिर से मिस्टर खोपडकर को पूछा ? तो उनका जवाब यह था :- कि यार विनय, तुम खुद इतने बड़े घोंचू हो कि इसका जवाब तुम स्वयं ज्यादा बेहतर दे सकते हो तो तुम मुझसे क्यों पूछ रहे हो ?

हाँ ! सही बात है घोंचू तो मै ही हूँ ! जब मुझे आजतक
' कमीने ' शब्द का अर्थ नहीं पता चला तो घोंचू का अर्थ कैसे पता चलेगा ?

You are a GHONCHU..

G-reat
H-ot
O-ne in million
N-aughty
C-ute
H-umble
U-nique

ज्यादा खुश मत हो,है तो तू घोंचू ही …

याद आया ऐसा एक सन्देश हमको हमारे दोस्त ने किया था ! तब हम बहुत हँसे थे ! बहरहाल, घोंचू शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है ? यह तो नहीं पता पर मुहं में यह शब्द आया तो लिख मारा !

घोंचू नामक संज्ञा का हक़दार हर वो इंसान है जो मूर्खता पूर्ण अपना मतदान करता है ! किसी प्रलोभन किसी जाति किसी सम्प्रदाय इत्यादि को पैमाना बनाकर !

घोंचू वो भी है जो अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए लोगो को गुमराह कर रहा है जैसे नेता व नेती और बाबा व बाबी !

घोंचू हर वो लेखक भी है जो मौलिकता , नैतिकता और ज्ञान के नाम पर सेक्स का व्यापार कर रहा है ! अथवा कर रही है !
घोंचू हर वो पाठक भी है जो उल जुलूल व सेक्स जैसे लेखो कि तारीफ़ कर रहा है और बचाओ पक्ष भी तैयार कर रहा है !
घोंचू महंगाई के नीचे दबा हुआ वो इंसान है जिसने महंगाई भी खुद कराई है सिर्फ अपनी घोंचूपने कि वजह से !

घोंचू वो भी है जो इस मतलब परस्त दुनिया में गैरमतलबी बनकर निस्वार्थ सेवा कर रहा है !

घोंचू हर वो इंसान है जो हँसना भूल गया है !

घोंचू वो भी है जो दुखी आत्मा को हंसा रहा है !

सबसे बड़ा घोंचू तो ऊपर वाला है जिसने मनुष्य जैसी मूरत बनाकर धरती पर भेजा और कहा जाओ स्वर्ग का आनंद भोगो और हमने उस धरती पर लकीरे खींच कर नरक बना दिया ! विनाश और विकास में अंतर ही खो दिया !

बहरहाल , घोंचू शब्द काफी जटिल है यह सही है या गलत यह समझने वाले और मानने वाले पर निर्भर करता है ! घोंचू का अर्थ मुझे तो पता चल गया कि क्यों मिस्टर खोपडकर मुझे हर बात पर घोंचू कहते है ? कुछ लोग मुझे संत कहते है, कुछ लोग मसखरा, कुछ के लिए विदूषक हूँ, कुछ के लिए हास्य महारथी, कुछ लोग आलोचक मानते है पर सही और सटीक मेरे चरित्र का चित्रण मिस्टर खोपडकर ने ही किया है

कि मैं घोंचू हूँ !

क्योकि घोंचू अनर्गल बाते नहीं लिखता, घोंचू व्यंग्य कटाक्ष के माध्यम से सेक्स नहीं बेचता , घोंचू आलोचना भी करता है और घोंचू तारीफ़ भी करता है ! इसलिए मै अक्ल का कोल्हू हूँ , घोंचू हूँ ,उल्लू हूँ ......!

और आप ?

6 comments:

  1. कहीं यह लेख पढ़ने वाला भी तो...?

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  2. अच्छी पोस्ट है।

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  3. क्योकि घोंचू अनर्गल बाते नहीं लिखता, घोंचू व्यंग्य कटाक्ष के माध्यम से सेक्स नहीं बेचता , घोंचू आलोचना भी करता है और घोंचू तारीफ़ भी करता है ! इसलिए मै अक्ल का कोल्हू हूँ , घोंचू हूँ ,उल्लू हूँ ......!

    parichaya bahut ache se diya hai.......lekin pasand aaya...........aise hi khud ko bhi aur dusro ko bhi GHOCHU banaate rahiyega janaab!!!!!

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  4. चलिए हम भी आपकी घोंचू टीम में शामिल हो जाते हैं ......!!

    व्यंग की भाषा भी इतनी आसान नहीं ...आपमें ये हुनर बखूबी हासिल किया है .....!!

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