Tuesday, March 16, 2010

यह लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा

अल्लाह कि मार पड़े तुमपर , जिन्दगी नरक हो जाये तुम्हारी जाहिल , गंवार तुम लोग हज़ारों साल जीयो, क़यामत का दिन देखो, तुम्हारे घर बिजली का बिल लाखो में आये, नल खोलो तो एक एक बूँद पानी निकले, मेहमान तुम्हारे घर आये ठीक उस ही समय तुम्हारे यहाँ गैस खत्म हो जाये, अरहर कि दाल लेने जाओ और मूंग कि दाल ले आओ, आटे के बजाय गेहूं कि रोटी खाने को मिले ..........

अरे.......अरे .......आप मत डरिये यह सब आप को नहीं बोल रहा था ! यह तो कुछ लोगो को कह रहा था !
आज मै गुस्से में लाल हुए जा रहा हूँ और आप लोग इसमें भी 'व्यंग्य' तलाश रहे है ! कभी तो मुझे भी seriously लिया करो ! आज कोई व्यंग्य करने का मूड नहीं है !

आज आपबीती लिख रहा हूँ ! अभी रविवार कि बात है...... मै 'सोमवती अमावस्या' के सिलसिले में 'हरिद्वार' 'हर कि पौड़ी' में स्नान हेतु गया था ! अब जाहिर सी बात है कि बहुत भीड़ भी होनी थी वहां , जो हुई भी....... रास्ते भर सड़कों पर इतना जाम लगा हुआ था मानो मै कोई 'हर कि पौड़ी' नहीं 'बहन जी' के जलसे में गया था!

हर तरफ लोगो का हुजूम चला आ रहा था और एक साथ सब का स्वर गूँज रहा था "हर हर महादेव" !

तभी एक प्रशन मन में उठा कि इस देश में जीवन धन्य किसका है ? सवाल जितना कठिन है जवाब उतना ही सरल है ! इस देश में जीवन धन्य उसका ही है जो "लाल बत्ती" कि कार में चलता है ! लाल बत्ती वाली कार का कोई कुछ नहीं बिगड़ सकता ! अभी परसों कि ही बात है हम भी सपरिवार सहित हरिद्वार गए थे बस फर्क इतना था कि हम अपने घिसे पिटे पुराने मॉडल कि चार पहिये वाली गाडी से गए थे !

ऐसा मै इसलिए भी लिख रहा हूँ क्योकि मै आपको बता सकूँ कि मेरे पास भी एक अदद गाड़ी है!

तो उस दिन हम गलती से जेब्रा लाइन पार कर गए ! ट्रेफिक के हवालदार ने हमे रोक लिया और जुर्माना ठोक दिया ! तभी हमने देखा कि एक लाल बत्ती वाली कार लाल लाइट होने के बावजूद भी दनदनाती हुई निकल गयी ! उस कार को देख हवलदार मुठ्ठियाँ तान खड़ा हो गया ! कार निकलने के बाद हम बोले भैया ......हमने तो जरा सी भूल कि पर उसने तो ट्रेफिक नियमो को ही चकनाचूर कर दिया ! हमारी बात सुन हवालदार हंसा और बोला - तू देख नहीं रहा है वह लाल बत्ती वाली कार थी ! जिस कार पर लाल बत्ती होती है वह कहीं नहीं रूकती !

हाय रे ........लाल बत्ती कि महिमा देख हमे आभास हुआ कि पिछले दिनों हमारे नेता गण अपनी अपनी कार में लाल बत्ती लगवाने के लिए इतने लालायित क्यों होते थे ?

लाल बत्ती का अर्थ होता है "रुको "! जिस कार पर लाल बत्ती लगी होती है वह सामने वाले को सन्देश देती है कि "रुक जाओ वरना परिंदे कि भाँती उड़ा दिए जाओगे" लालबत्ती देख हम सडक छोड़कर फुटपाथ पर चढ़ जाते है ! सम्मान के कारण नहीं वरन भय के कारण !

अगर लाल बत्ती कि कार ने एक झपट मार दी तो लेने के देने पड़ जायेंगे ! चाहे गलती सामने वाले कि हो पर गुनहगार आप ही कहलाओगे !

कुछ ज्ञान : लाल बत्ती का अंग्रेजी अनुवाद red light होता है ! और जहाँ लाल बत्ती वाली गाड़ी खड़ी होती है वह कहलाता है red light area ! हम तो उस क्षेत्र में जाने से भी थरथराते है ! ना जाने कब क्या अनहोनी हो जाये !

मित्रों .........लालबत्ती कि महिमा अपरम्पार है ! अगर ईश्वर साक्षात् हमारे सामने खड़े होकर कहे कि पुत्र ........! मांगो ! कोई वरदान धन ,संपत्ति ,भोग,ऐश्वर्य...........क्या चाहिए तो हम कहेंगे - हे परम पिता परमात्मा देना हो तो हमे लाल बत्ती वाली कार दे दो बाकी तो उसके साथ मिल ही जायेगा !

यह है रेड लाइट कि महिमा ...................
और इसीलिए मै भी गुस्से में लाल हो चूका हूँ !

"यह लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा "

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